इंतज़ार...
धीरे धीरे जिंदगी के सभी रंग फीके हो गए , पर यादों के रंग आज भी सजीव हैं , वो रंग जो भरपूर जिए थे तुम्हारे साथ, सब सहेज कर रखे हैं मैंने , लाल रंग तुमने कहा था हमारे दिल का प्रतीक है, ये फीका न पड़े , उससे मैंने आज तक अपनी यादों की मांग सजा रखी है .. सुनहरा रंग , तुमने कहा था साथ धड़कती हमारी धडकनों का है , उसे मैंने आज तक सहेजा है अपनी याद का बिछौना बना कर.. नीला रंग आकाश की तरह असीमित हमारे प्रेम का, आँखों में सहेजा है मैंने अश्रु बना कर.. और हरा रंग तुमने कहा था निशानी है हमारी हरी भरी मोहब्बत की , उससे मैंने आज तक यादों की, मखमली घास बिछा रखी है .. की तुम कभी तो आओगे लौट कर , ये रंग करेंगे तुम्हारा स्वागत, और फिर हो उठेंगे जीवंत.. mamta