जिंदगी और मौत ...मेरा नजरिया...
जिंदगी तो शोर है ,कोलाहल है
मौत तू चिर शांति है ..
जिंदगी दौड़ भाग है ,
मौत तू तो विश्रांति है...
जिंदगी उफनता हुआ सागर है...
मौत तू शांत सरिता है'
जिंदगी कठोर पाषाण सी है ..
मौत तू मां की गोद सी है ....
जिंदगी एक उबाऊ कहानी है ,
मौत तू सुन्दर क़विता है ....
जिंदगी मे तो झूठ भी है फरेब भी,
मौत तू तो एक सच्चाई है.....
बहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteआपका ब्लॉग अच्छा लगा।
सादर
ज़िंदगी और मौत की बहुत सुंदर तुलना की है ;
ReplyDeleteज़िंदगी को भगवान ने बहुत सुंदर बनाया है ,
लेकिन हमारी आकांक्षाओं ने उस को ऐसे
रूप दे दिए है !! बहुत सुंदर रचना,ममता!!
पढ़ कर खुशी हुई बहुत;शुकरिया !!!
हमें मौत को याद रखना चाहिए ..
ReplyDeleteअनूठी रचना !
PS: pl remove word verification ...
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Deleteधन्यवाद सतीश जी ....
Deleteधन्यवाद यशवंत जी आपकी दी गयी जानकारी से मैंने वर्ड वेरिफिकेशन को हटा दिया है...
ReplyDeleteबहुत सारगर्भित
ReplyDelete।
धन्यवाद..
DeleteAakhri sach Maut hi ha..sach me..
ReplyDeletegreat compositions and very inspiring...
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