इंतज़ार...
धीरे धीरे जिंदगी के सभी रंग फीके हो गए ,
पर यादों के रंग आज भी सजीव हैं ,
वो रंग जो भरपूर जिए थे तुम्हारे साथ,
सब सहेज कर रखे हैं मैंने ,
लाल रंग
तुमने कहा था हमारे दिल का प्रतीक है,
ये फीका न पड़े ,
उससे मैंने आज तक अपनी यादों की मांग सजा रखी है ..
सुनहरा रंग ,
तुमने कहा था साथ धड़कती हमारी धडकनों का है ,
उसे मैंने आज तक सहेजा है
अपनी याद का बिछौना बना कर..
नीला रंग
आकाश की तरह असीमित हमारे प्रेम का,
आँखों में सहेजा है मैंने
अश्रु बना कर..
और हरा रंग
तुमने कहा था निशानी है हमारी हरी भरी मोहब्बत की ,
उससे मैंने आज तक यादों की,
मखमली घास बिछा रखी है ..
की तुम कभी तो आओगे लौट कर ,
ये रंग करेंगे तुम्हारा स्वागत,
और फिर हो उठेंगे जीवंत..
mamta
Jeevan ke ye sabhi rang yun hi khilte rahen ... Prateeksha poori ho ...
ReplyDeleteबगिया में हर रंग के पुष्प मुस्कुरायें ........बहुत सुन्दर .....
ReplyDeleteवाह वाह वाह जितनी भी सराहना की जाए कम है जितना सुन्दर चित्र आपने बनाया है उतनी ही सुन्दर रचना भी है, चित्र को बहुत ही सुन्दरता से परिभाषित किया है आपने, एक एक रंग का वर्णन अत्यंत सहजता और सरलता से कर दिया. अत्यंत सुन्दर मनोहारी रचना एवं चित्र हृदयतल से ढेरों बधाइयाँ स्वीकारें.
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत धन्यवाद अरुण जी ..आपके कमेंट्स उत्साह वर्धक हैं ..:
Deleteसुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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Deleteधन्यवाद मदन मोहन जी...
Deleteशुक्रिया...:)
ReplyDeleteजीवन के हर पहलु के रंग को उभारती सुन्दर रचना |
ReplyDeletelatest post: कुछ एह्सासें !
धन्यवाद कालिप्रद जी...
Deleteये सारे रंग खिलकर जीवन में निखार लायें..
ReplyDeleteकोमल भाव से लिखी हृदयस्पर्शी रचना...
अति सुन्दर :-)
धन्यवाद Reena जी ...
Deleteप्यार भरे अहसास कभी भूले नहीं भूलता कोई ..
ReplyDeleteप्यार के सहेजे पलों का सुन्दर चित्रण ...
आभार कविता जी ...:)
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeletebahut sundar rachna , chitr bhi kuchh kam nahin
ReplyDeleteधन्यवाद spjain जी
Deleteबहुत उम्दा, कमाल की कविता लिख दी है दी, वाकई लाजवाब :)
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