आखिर क्यूँ
माना बलिष्ठ है पुरूष,स्त्री की उससे समानता नहीं है,
पर स्त्री पुरूष की दासी नहीं है ,
स्त्री को सुरक्षा भरा घेरा चाहिए,
पुरूष सुरक्षा देने से करता है इनकार,
उलटे करता है उसकी अस्मिता में प्रहार ,
क्यूँ??
महिला दिवस तब तक है बेकार,
जब तक महिलाओ पर होगा अत्याचार ...
... ... mamta
पर स्त्री पुरूष की दासी नहीं है ,
स्त्री को सुरक्षा भरा घेरा चाहिए,
पुरूष सुरक्षा देने से करता है इनकार,
उलटे करता है उसकी अस्मिता में प्रहार ,
क्यूँ??
महिला दिवस तब तक है बेकार,
जब तक महिलाओ पर होगा अत्याचार ...
... ... mamta
kiya baat kiya baat................
ReplyDeleteधन्यवाद Anonymous उत्साह वर्धन के लिए ....
Deleteसत्य बयां किया है आपने ममता जी विवशता तो यही है कि व्यक्ति जिससे जन्म लेता है उसे प्रताड़ित करता है.
ReplyDeleteधन्यवाद अरुण जी हमारे देश की यही विडम्बना है....
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