आस्था....

कैसी कैसी लीला दिखाते हो ,
अलग अलग नामों से प्रकट हो जाते हो ,
मगर सुनो तो ज़रा प्रभु जी ,
हम हैं तुम्हारे तुम जानते हो, 
फिर ये लुकाछिपी का
खेल क्यों दिखाते हो ,
सुना है तुम एक पुकार में दौड़े चले आते हो ,
फिर हमें अपने दरश क्यों नहीं कराते हो ?
अब तुम्हें खुद आना ही पड़ेगा,
अपना बचन निभाना ही पड़ेगा,
वरना तुम्हारे भक्त रूठ जायेंगे ,
आस्था में प्रश्न चिन्ह लगायेंगे,
अब और कितना तड़पाओगे

कुछ तो बताओ प्रभु कब आओगे ...?? 

                                                      mamta




my 1st Glass painting dedicated to Ganesh jee

Comments

  1. bhakt ke marmsthal se nikali pukar .. sundar!

    ReplyDelete
  2. बढ़िया लिखा है आपने दिल से निकले पुकार को कविता के रूप में ।

    आपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप" में शामिल किया गया है । जरुर पधारें ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. साहनी जी मेरे ब्लॉग को ब्लॉग दीप में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .....यहाँ पर तरह तरह की रचनाओं का संकलन पड़ने को मिलता है ,बहुत अच्छा लगा..

      Delete
  3. बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनाय
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

    http://madan-saxena.blogspot.in
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in
    http://mmsaxena69.blogspot.in/

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर
    http://dehatrkj.blogspot.com
    http://yunhiikabhi.blogspot.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद राजीव जी ...आपकी रचनाएँ पड़ी बहुत अच्छी

      Delete
  5. Darshan jangra जी इस ब्लॉग में मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार |....सभी रचनाये बहुत ही रोचक और अच्छी हैं |

    ReplyDelete
  6. khubsurat rachna khubsurat ganesh ji

    ReplyDelete
  7. शुभप्रभात
    आपके परिश्रम को नमन।

    आज की चर्चा : ज़िन्दगी एक संघर्ष -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-005

    हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल परिवार की ओर से आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपको -----हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल----- पर हम आपको चर्चाकार के लिए शामिल करना चहाते है और हम आपका -----हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल----- पर हार्दिक स्वागत है। हमें आपके सहयोग की है। धन्यवाद...! सादर... ललित चाहार

    ReplyDelete
    Replies
    1. ललित जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ...इसके लिए मुझे क्या करना होगा कृपया बताईये...

      Delete
    2. आप techeduhub@gmail.com पर अपनी Email ID भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं।

      Delete
  8. निश्चल पुकार - अति सुंदर

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

एक ख्याल.....बेवजह

आज कुछ नया करें....

इंतज़ार...