संघर्ष जिंदगी का ......

जिंदगी के कई रूप देखती हूँ  मैं ,
अक्सर रास्ते  से गुजरते हुए ....

घर की दहलीज में बैठा काम करने वाली बाई का वों बच्चा ,
सजे धजे स्कूल जाते बच्चों को अपलक निहारता ,
उन में  जिंदगी की  खुशियाँ ढूढते हुए.......

सुबह सुबह की धुन्ध में ,
गाड़ी साफ़ करते कुछ  लड़के ,
अलसाई आँखों से खुशहाल जिंदगी के सपने देखते हुए .....

फूटपाथ पर बैठी एक माँ,
खुद भूखी होकर भी ,
गोद के बच्चे को दूध पिलाती जिंदगी देते हुए....

रास्ते के दुसरी ओर रखे,
कूड़ेदान से  कूड़ा बीनते कुछ बच्चे 
कचरे  में अपनी जिंदगी खोजते हुए....

फटी फ्रॉक  वाली वो लड़कियां  ,
खा कर फेंकी हुयी झूठी पत्तलों से,
जिंदगी जीने के लिए ऊर्जा  लेते  हुए ....

सोचती हूँ ..
इतना संघर्ष जिंदगी से,
जिंदगी जीनें के लिए ??

लेकिन  इन्हें  नज़र -अंदाज़ करते हुए ,
मैं भी कहाँ  रोक पाती हूँ  ,अपनी रफ्तार को,
इस रफ्तार भरी जिंदगी में,जिदगी जीनें के लिए....   
                                       ... ममता



Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (09-06-2013) के चर्चा मंच पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  2. सार्थक और सुंदर रचना के लिए बधाई ममता जी !

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  3. जिंदगी का रूप अनेक ! सुन्दर प्रस्तुति
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post: प्रेम- पहेली
    LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !

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  4. गहन रचना ... विसंगतियों को दर्शाती हुई

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  5. Replies
    1. धन्यवाद अज़ीज़ जी मेरा प्रोत्साहन बढाने के लिए ....१ नज़र अन्य रचनाओं को भी देखिएगा...

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  6. जीवन के लिए संघर्ष कुदरत का नियम है ,ममता !!
    अग्र यह संघर्ष न हो तो जीवन बहुत लंबा और
    अर्थहीन हो जाए गा,लेकिन इन परिस्थीटिओ को
    देख कर ऐसा विचार आना स्वाभाविक ही है...
    यह रचना भी आप की ज़िंदगी की हक़ीक़त
    को इंगित करती हुई है और बहुत सुंदर है !!!

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  7. Zindagi ka falsafa ha ye ki jidozehad karni padti ha...
    Jiwan ko samjhne aur sach ke karib se utarne ki bahut achi bangi....Mamta ji...badhai aapko

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