wish...
एक दिन मैं पर्वत बन जाउंगी ....
अविचलित,अखंड , आकर्षक ....
आसमान को छूते पर्वत ...
और ..
आसमान से सितारे चुराकर
धीरे धीरे प्यार से बिखरा दूंगी
प्यासी धरती मे......
अविचलित,अखंड , आकर्षक ....
आसमान को छूते पर्वत ...
और ..
आसमान से सितारे चुराकर
धीरे धीरे प्यार से बिखरा दूंगी
प्यासी धरती मे......
ममता जी बहुत सुन्दर रचना , क्या बात है बेहतरीन पंक्तियों के साथ अति सुन्दर भाव मन को छू जाने वाले कोमल शव्दों के साथ
ReplyDeleteकम शब्दों में अधिक बात.... बढ़िया रचना
ReplyDeleteBahut sundar..bhav... Dheere Dheere Pyar Bikhardunki, Pyashi Dharti me........Waha sadhuwad Seema ji..
ReplyDelete